1.शालीनता का दुपट्टा
लबों पर खामोशियों के साये
नज़र में गुजारिश ,एक जिज्ञाषा की
जुबाँ पे कुछ कुछ कहने , कुछ कुछ सुनने
कुछ चुप रहने की आदत
और
कंधे पे शालीनता का दुपट्टा |
असर हो रहा है हलके हलके
बदल रहे हैं शहरी हालत हलके हलके ||
#Presence
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2.स्लिप ऑफ़ टंग (slip of tongue)
वो जब भी दो चार दोस्तों के साथ चलता है
मुद्दों की बातें करता है ,
और
बेफिक्र बातें करता है |
आज बातें करते करते
अचानक चुप सा हो गया ,
किसी गुजरते मुसाफिर को
एक टक देखता रहा ....... ...खामोश
इस रोज़ रोज़ की ख़ामोशी में ,
कोई तसव्वुर तो नहीं पल रहा ?
वो आने वाले एक मिनट तक
कुछ ख़ास बोला नहीं ;
और जो बोला तो
"इश्किया" के बदले "इक्सिया" बोल गया |
शायद स्लिप ऑफ़ टंग हो गया
ख़ामोशी ने जुबाँ पे अधिकार जमा रखा है ||
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3.चेंज ऑफ़ टेस्ट (change of taste)
कभी कभी
ऐसा लगता है :
वो सारे छोटे छोटे लम्हें
जिसमें हम खुशियां खोजा करते थे
एक चेंज ऑफ़ टेस्ट होता था :
सिमट के रह गए हैं मायने उनके |
टिक्का की चाय , सीसीडी की कॉफ़ी
सब रूटीन सा बन गया है |
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