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वो इस सदी का सबसे बेवक़ूफ़ शायर है
जिसने कह रखा है
"मौत तू एक कविता है |"
मौत कोई कविता नहीं है
कविता है - मौत के खिलाफ विद्रोह |
वो शायर मेरा हर दिल अजीज है
लेकिन ये मेरी कविता है -
अपने हर दिल अजीज के खिलाफ
विद्रोह की कविता ||
किसी पंखे से लटक जाना
किसी ट्रेन के सामने आ जाना
अपने नसों को खींच कर
अपनी खूँ में समा जाना
मौत नहीं होती
मौत की खबर मात्र होती है |
मौत इससे कहीं ज्यादा
खतरनाक और ख़लिश है |
मौत की शुरुआत
उस एक समाज की शुरुआत है
जिसने अपने बच्चे को
बस्ता ढोना तो सिखा दिया
रस्ता ढोना रह गया |
मौत का निर्माण
उस एक पिता का निर्माण है
जिसने नहीं सिखाया अपने बच्चे को
खौफ के खिलाफ विद्रोह |
मौत का सिलसिला
उस एक स्कूल का सिलसिला है
जहाँ की छोटी छोटी कोठरियों के
छोटे छोटे खिड़कियों पे परदे चढ़े हैं ;
और तितलियों को गिनने की उम्र में
खींचे जाते हैं
कागजों पे बेहिसाब
लंबे चौड़े उम्र से बढ़कर हिसाब |
औंधे मुँह जमीं पे गिरना
लबों का मिट्टी से सन जाना
दांत की चोट से
नीचले होठ की त्वचा का कटना
मौत नहीं होती |
मौत होती है
अपने ही ख़ून में
अपने पराजय की जंजीर का नज़र आना
और इसीलिए
मौत पर विजय का मतलब होता है -
एक ऐसे समाज का सृजन
जो समझाए रास्ते की खुश्बू;
एक ऐसे पिता का निर्माण
जो सिखाये पराजय के खिलाफ विद्रोह;
एक ऐसे स्कूल की नींव
जो सिखाये
मिट्टी - ख़ून से सने लबों का
जमीन से उठना
और बादलों को चूम लेना ||
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