
हाथ में कार्डबोर्ड लिए
उतरती है सड़क पे
और हो जाती है किसी कैमरे में कैद,
ठीक उसी वक़्त
निकल पड़ते हैं सड़कों पे
अलग अलग ठीकेदारों के अलग अलग नुमाइंदे |
इस खोज में की
कहीं उसका कोई इतिहास तो नहीं
कहीं यूट्यूब पे कोई डांस तो नहीं
कहीं पुराना कोई रोमांस तो नहीं
कहीं उसका आर एस एस में होने का कोई चांस तो नहीं |
इस खोज में की देखो
उसके पुराने गैलरी में
किसी ने भगवा दुपट्टा बाँध रखा है क्या ?
वो सफ़ेद टोपी वाला उसका सखा है क्या ?
इस खोज में की
उसने गोधरा पे कुछ कहा था क्या ?
उसने चौरासी पे कुछ लिखा था क्या ?
इससे पहले कभी उसका चेहरा
यूँ ही कभी बिक था क्या ?
इस खोज में की
कोई फोटोशॉप की गुंजाईश तो नहीं
किसी पुराने कैमरे में कैद इसकी कोई फरमाइश तो नहीं,
पहले कभी इसने कोई "आजादी" वाले गाने गाये क्या ?
वो कार में डांस करने वाली का यूट्यूब लिंक
इसके नाम पे बेचा जाए क्या ?
और इसी खोज के इर्द गिर्द
एक तैयार लाश से
लोथड़े खींच रहे हैं
हम, आप, मीडिया और बाजार
और इसी खोज से
बन रही है
बिगड़ रही है
हमारी आपकी सरकार |
अगर कविता समझ में ना आये तो ये वाला यूट्यूब विडियो https://www.youtube.com/watch?v=YENvJcsbtxU देख के काम चलाइये, पिछले कुछ दिनों से इसे गुरमेहर कौर बोलके बेचा जा रहा है, हैशटैग में |
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