हर एक बार स्टेज पे उतरने से पहले
तुम्हारे तोहफे के कमीज़ को डब्बे से निकलता हूँ
उतरते चाँद के साथ ,
तुम्हारी अंगड़ाइयों को जीते जीते
इस्त्री चलाता हूँ ;
की हर एक सिकन जाती रहे
फिर भी वो हकीकत ,सराफत , और इश्क़ के छीटें बची रह जाए ||
एक मुख़्तसर सी बात है : मुझे तुमसे प्यार है ||
मुख़्तसर : In short
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