सौ डेढ़ सौ
दिन रात की ख्वाईश
सौ डेढ़ सौ
दिन रात के वादे ।
बीस बाइस की उम्र सजर
पुलिंदा भर के कच्चे चिट्ठे ।
सर्दी की लम्बी रातें में
सत्ताईश कोस की तन्हाई ।
टुकड़े भर की बेवफाई पे
सदियों भर के बेबस चर्चे ।
मुट्ठी भर के टिमटिम तारे
और उम्र भर की रौशनी ।
धूर भर की ख़ामोशी
और कठ्ठे भर गम का बोझ ।
इस उम्र में
इस कदर भी कोई
इश्क़ किया करता है क्या ?
यूँ सुलझी सी जिंदगी कोई
रिस्क किया करता है क्या ?
कोस = unit of distance
धूर = 6ft * 6ft ( unit of area)
कठ्ठे = 20 धूर
दिन रात की ख्वाईश
सौ डेढ़ सौ
दिन रात के वादे ।
बीस बाइस की उम्र सजर
पुलिंदा भर के कच्चे चिट्ठे ।
सर्दी की लम्बी रातें में
सत्ताईश कोस की तन्हाई ।
टुकड़े भर की बेवफाई पे
सदियों भर के बेबस चर्चे ।
मुट्ठी भर के टिमटिम तारे
और उम्र भर की रौशनी ।
धूर भर की ख़ामोशी
और कठ्ठे भर गम का बोझ ।
इस उम्र में
इस कदर भी कोई
इश्क़ किया करता है क्या ?
यूँ सुलझी सी जिंदगी कोई
रिस्क किया करता है क्या ?
कोस = unit of distance
धूर = 6ft * 6ft ( unit of area)
कठ्ठे = 20 धूर
इस कदर कोई अपनी ज़िन्दगी फिक्स कर सका है क्या ?
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