मैं तुम्हारा आरोपी हूँ , मैं तुम्हारी प्रत्याशी हूँ ।
मैं तुम्हारा जिस्म हूँ , मैं तुम्हारी ख़ामोशी हूँ ।।
मैं तुम्हारी द्रौपदी के मत्थे का केश हूँ।मैं उत्तर प्रदेश हूँ।
मैं तुम्हारी याचना हूँ मैं तुम्हारा अनुरागी हूँ
मैं तुम्हारी लुटती मार्यादा का सहभागी हूँ ।
मैं तुम्हारे डूबते आँखों का आवेश हूँ ।
मैं उत्तर प्रदेश हूँ।।
मैं अपनी शाखों में अरमानों के लाश ढोता हूँ।
जर्रे जर्रे में बिखरा हूँ सिसकियों में रोता हूँ।
मैं शासन और व्यवस्था का
जर्जर क्षीण अवशेष हूँ।
मैं उत्तर प्रदेश हूँ।।
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