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क्रॉस वर्ड 1, 2 & 3

क्रॉस वर्ड 1 

इस शहर के
सड़कों पे चलते चलते
ना जाने कितनी नज़्मों की करतूतें
बुने हैं हमने ;
बाँकी शहरों से अलग थलग है ये
बाँकी शहरों में जाता हूँ
तो बार रेस्टोरेंट मॉल घूमता हूँ
इस शहर जब भी आता हूँ
क्रॉस वर्ड जरूर जाता हूँ |
ये पब की करिश्माओं का शहर नहीं
ये लफ़्ज़ों की रूमानी का शहर है |
ये मेरा शहर नहीं है |
ये मेरे रोमांस का शहर है |


क्रॉस वर्ड 2


मैंने बड़े ही अदबी जबान में
लगभग हमउम्र से सख्स से पूछा
" सर, हिंदी सेक्शन किधर है ? "
"उधर देखिये "

चेतन भगत और मेलुआह का
 अनूदित जखीरा
घुटने तक आ रहा था |
कोई हाफ गर्लफ्रेंड
छाती तक आ रही थी
और बेचारा मैला आँचल
दबा कुचला सा पड़ा था नन्हे कोने में ||

मैंने फिर पूछा
" सर हिंदी काव्य सेक्शन किधर है ?"
वो मुस्कराया
कुछ बोला नहीं |

और फिर
थोड़ा ठहर के बोला
" हिंदी काव्य का क्रॉस वर्ड यहाँ नहीं है |"

गर ये मेरे रोमांस का शहर नहीं होता
तो मैं उसे जरूर बताता
हिंदी काव्य का क्रॉस वर्ड कहाँ है ?


क्रॉस वर्ड 3

इतना तो तय है
हिंदी काव्य इतनी भी कमसीन नहीं
जो सिलवटों में समेटा जाए
और
रखा जाए शीशे के तले |
हिंदी काव्य का क्रॉस वर्ड वहीँ हैं
जहाँ हम हैं
जहाँ तुम हो
कुम्हला रही है  रूह जहाँ
पत्तों पे बिखरे ओस की तरह |

सड़क किनारे ढाबे पे
जो एक बौना सा सख्स
चिथड़े में आता है
और
आपके टेबल पे बची
 दो घूंट चाय पीकर चला जाता है,
हिंदी काव्य का क्रॉस वर्ड वहीँ है |

उसने तबले पे थाप लगायी
आनंद बख्शी के लफ्ज़ गुनगुनाये
फिर जाके हाथ फैलाई
पूरा बोगी घूम गया
किसी ने उफ़ तक नहीं की;
हिंदी काव्य का क्रॉस वर्ड वहीँ है |

हिंदी काव्य का क्रॉस वर्ड
माँ के मैले आँचल में है
सड़क किनारे की अंगीठी में है
बहन की सस्ती साड़ी में है
यही इसका सौभाग्य है
यही इसका गुरुर है |
इसीलिए तो ये हिंदी है
आज भी इसके माथे पे
वो एक शान वाली बिंदी है ||


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