डर तो लगेगा ही ना |
वक़्त जो कल तक किसी का नहीं था
आज तुम्हारी नज़रों का कायल बन बैठा है |
हवाओं के आवरे झोंके
कल तक तो किसी के इशारे पे रुख नहीं बदलते थे |
आज क्या हो गया है
दे रहे हैं तुम्हारी जुल्फों को जिंदगी ऐसे
जैसे मुझसे ज्यादा अधिकार उनका है तुम पर ||
और ये पर्पल नेल पेंट
मुझे तो अंदाजा भी नहीं कितने ख़ास होंगे ये ;
डर तो लगेगा ही ना |
वक़्त जो कल तक किसी का नहीं था
आज तुम्हारी नज़रों का कायल बन बैठा है |
हवाओं के आवरे झोंके
कल तक तो किसी के इशारे पे रुख नहीं बदलते थे |
आज क्या हो गया है
दे रहे हैं तुम्हारी जुल्फों को जिंदगी ऐसे
जैसे मुझसे ज्यादा अधिकार उनका है तुम पर ||
और ये पर्पल नेल पेंट
मुझे तो अंदाजा भी नहीं कितने ख़ास होंगे ये ;
डर तो लगेगा ही ना |
Comments
Post a Comment