वो दो वक़्त में हकीकत से अफ़साने बन जाएँ
मुझे बरबाद करने के लिए ये डर ही काफी है ||
इस शहर में मेरा कोई पराया तो नहीं
फिर भी मुझे जलने को ये शहर ही काफी है ||
जोश ए जूनून होश ए रुतबा ही सब कुछ तो नहीं
मुहब्बत करने वास्ते जिगर ही काफी है ||
वो कहाँ हैं ,कैसे हैं किस हालत में जी रहे हैं
मुझे संवारने के वास्ते ये खबर ही काफी है ||
आप किस गली के किस दरवाजे में छुपे हैं ,क्या मालुम
हम इस मचलती धूप के बदनाम यायावर ही काफी हैं ||
काफी है होठों का होठों से इनकार का सबब
उनको मनाने के लिये तो एक नज़र ही काफी है ||
मुझे बरबाद करने के लिए ये डर ही काफी है ||
इस शहर में मेरा कोई पराया तो नहीं
फिर भी मुझे जलने को ये शहर ही काफी है ||
जोश ए जूनून होश ए रुतबा ही सब कुछ तो नहीं
मुहब्बत करने वास्ते जिगर ही काफी है ||
वो कहाँ हैं ,कैसे हैं किस हालत में जी रहे हैं
मुझे संवारने के वास्ते ये खबर ही काफी है ||
आप किस गली के किस दरवाजे में छुपे हैं ,क्या मालुम
हम इस मचलती धूप के बदनाम यायावर ही काफी हैं ||
काफी है होठों का होठों से इनकार का सबब
उनको मनाने के लिये तो एक नज़र ही काफी है ||
Comments
Post a Comment