1. एक दिन घूमते घूमते कितनी दूर निकल गए थे हम ; कितने सारे चाँद के टुकड़े आधा - आधा कर निगल गए थे हम ; कितनी सारी दुपहरी इस डिबेट पे ख़त्म हो जाती थी : की मैं तेरे लम्हों का कातिल हूँ , या फिर तू मेरे लम्हों का कातिल है तू इस तरह से मेरी जिंदगी में शामिल है | 2. तुम्हारे होठों से उतरते धुएं की एक तस्वीर खींच जाती है जब कोई अनजाने में कंधे पे हाथ देता है ; माचिस मांग लेता है | याद है तेरे फ्लैट के सामने जो आयरन का दरवाजा था मेरे फ्लैट के सामने भी कुछ कुछ वैसा ही एक ग्रिल है तू इस तरह से मेरी जिंदगी में शामिल है | 3. कितने सारे प्यारे वादों के लाशों पे चल कर हमने इतनी सारी दूरियां , इतने कम लम्हों में तय की है | कितनी सारी उम्मीदें मेरी तेरे दामन में जीती हैं कितनी सारी सांसें तेरी मेरी धक -धक पे चलती हैं कोई लिटमस टेस्ट तो हो : ये तेरा दिल है या मेरा दिल है | तू इस तरह से मेरी जिंदगी में शामिल है |
|शौक-ए-दीदार अगर है तो नज़र पैदा कर |