वो इकतीस दिसम्बर की रात..... वो इकतीस दिसम्बर की रात..... वो पहली बार गले मिलना-मिलाना वो पहली बार मेरे गोद मेँ सोना वो नीँद मेँ,अनजाने,तेरे धऱकन पर हाथ रखना वो नयी रात मेँ नये रिस्ते बनाना..........याद है! §१§ वो रिस्तोँ के आऱ मेँ ...
|शौक-ए-दीदार अगर है तो नज़र पैदा कर |