1. धीमे हलके आंच पे एक औंधी कड़ाही रह गयी
जिस्म सारा जल गया, हथेली की स्याही रह गयी ||
वो लूट कर ले गए तुम्हें, तुम्हारे नज़रे सितम
और हमारे हिस्से में, बस वाह वाही रह गयी ||
जिस गली में लड़ी गयी इश्क़ की लड़ाइयाँ
उस गली से अक्सरहां, मेरी आवा जाही रह गयी ||
कुछ इस तरह चलाते हैं वो अपनी हुकूमतें
राजवाड़े मिट गए, पर राजशाही रह गयी ||
जिस्म सारा जल गया, हथेली की स्याही रह गयी ||
वो लूट कर ले गए तुम्हें, तुम्हारे नज़रे सितम
और हमारे हिस्से में, बस वाह वाही रह गयी ||
जिस गली में लड़ी गयी इश्क़ की लड़ाइयाँ
उस गली से अक्सरहां, मेरी आवा जाही रह गयी ||
कुछ इस तरह चलाते हैं वो अपनी हुकूमतें
राजवाड़े मिट गए, पर राजशाही रह गयी ||
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