मैंने
जिंदगी के कतरे कतरे को
मुठ्ठी भर तम्बाकू की तरह
संभाला है , छाना है
जरुरत अनुसार
तुम्हारे अश्क का दीदार किया है ,
तुम्हारे लम्स की खुसबू मिलायी है
और
फिर बड़ी संजीदगी से
सफ़ेद लिबास में संजोया है |
तूने एक माचिस जला कर
मेरे वजूद को नेस्तनाबूद कर दी
अब मैं तुझमें उतर गया हूँ
फ़क़त धुंआ सा रह गया हूँ ||
जिंदगी के कतरे कतरे को
मुठ्ठी भर तम्बाकू की तरह
संभाला है , छाना है
जरुरत अनुसार
तुम्हारे अश्क का दीदार किया है ,
तुम्हारे लम्स की खुसबू मिलायी है
और
फिर बड़ी संजीदगी से
सफ़ेद लिबास में संजोया है |
तूने एक माचिस जला कर
मेरे वजूद को नेस्तनाबूद कर दी
अब मैं तुझमें उतर गया हूँ
फ़क़त धुंआ सा रह गया हूँ ||
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