तू मेरा पेशा न बन , जुस्तजू तो बन
तू मेरी आदत न बन, आरजू तो बन ॥
मेरे उदास शामों को तू रौशनी दे न दे
कम से कम रौशनी के हूबहू तो बन ॥
तू मुझे मान ना मान , पहचान ना पहचान
मेरे शिकस्त -ए -लफ़्ज़ का आबरु तो बन ॥
मेरे साथ न चल, मेरा हाथ न थाम
तू मेरी रगों में दौड़ , लहू तो बन ॥
तू मेरी आदत न बन, आरजू तो बन ॥
मेरे उदास शामों को तू रौशनी दे न दे
कम से कम रौशनी के हूबहू तो बन ॥
तू मुझे मान ना मान , पहचान ना पहचान
मेरे शिकस्त -ए -लफ़्ज़ का आबरु तो बन ॥
मेरे साथ न चल, मेरा हाथ न थाम
तू मेरी रगों में दौड़ , लहू तो बन ॥
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ReplyDeleteanother heart touching lines from your own library.
ReplyDeleteThank you Maya :)
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