अपने अपने होम टाउन में तो पूछता भी नहीं कोई | अब वो जमाना भी लद गया जब बाइक के साथ फोटो अपलोड करते थे तो थोड़ा एडवांटेज मिलता था | परन्तु इस बदलते दौड़ में भी खड़गपुर में बाइक चलाने का वजूद बरक़रार है , शायद बढ़ता जा रहा है | ऐसा लगता है जैसे पंक्तियों में खड़े युकलिप्टस स्टैंडिंग ओवेशन (standing ovation) दे रहे हों |मुट्ठी में चाभी को भींचे जब टिक्का में घुसते हैं ,तो साथ में तूफ़ान सा चलता है| बालों की कशिश देख कर कोई बेझिझक बता सकता है , आज हवा का रुख किस तरफ है |थोड़ा गैर -संबैधानिक(illegal) जरूर है , लेकिन है सेक्सी ||
|शौक-ए-दीदार अगर है तो नज़र पैदा कर |