अब यूँ ही मुझे ले चल ए जिंदगी | ख्वाबों में कहीं खे चल ए जिंदगी || मेरे हसीन लम्हों को एक कमरा किराये दे इससे पहले की हो जाएँ ओझल ए जिंदगी || ख्याल आया कितनी खूब है चिता सी मौत जो चिंता में घुटने लगी पल पल ए जिंदगी || डूब रही है कहीं सूरज की आखिरी किरण हो सके तो इस पहर से निकल ए जिंदगी ||
|शौक-ए-दीदार अगर है तो नज़र पैदा कर |