जाने से पहले हमने सोचा की क्यूँ ना एक छोटी सी ट्रिप की जाए और इस शर्त पे की जाए कि ट्रिप में DSLR वाली फोटोग्राफी नहीं होगी | फोटोग्राफी कभी कभी हम से ही हमारे लम्हों को छीन लेती है| एक ट्रिप हो जाए और उसके बाद डीपी ना बदले तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ेगा | ऐसा नहीं है की फोटो ही नहीं खींचा, एक दो मोबाइल में खींच लिए हैं, आखिर जिंदगी का भी तो एक टाइमलाइन होता है| खैर, Puri Beach पे बैठे बैठे, फोटोबाजी पे काफी चर्चा हुई | एक कविता भी लिखी है मैंने : उन्वान है : फेसबुक डीपी | पढ़िए झोलू राम ने डीपी लगायी फेसबुक पे धूम मचाई | झट से टपके लल्लन काका "फोटो क्रेडिट तो देदे आका" | झोलू ने तुरंत मारा एडिट लल्लन कक्का को मिल गया क्रेडिट | उधर से गुजरा सोमू हलवाई " भाई, झोलू भाई कुछ ओसम (awesome) पिक है भाई | चमन लाल ने देखी बहती गंगा कूद गया, चट होके नंगा "अरे झोलू, इ बेल्ट तो हमार लगता है हो हमको भी तनी क्रेडिट तो दो " | लगे हाथ आ टपका सोनू नाई " वाह झोलू भाई , जंच रहा है तुमपे हमरा टाई " | फिर आ बैठा केलकर मराठी " कुछ ओसम पि...
|शौक-ए-दीदार अगर है तो नज़र पैदा कर |